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ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

60 के दशक में भाभा परमाणु अनुसंधान केन्‍द्र (भापअकें) के रसायन अभियांत्रिकी प्रभाग द्वारा भारी पानी उत्‍पादन के क्षेत्र में अनुसंधान आरंभ किया गया । इस अनुसंधान को केन्‍द्र के भारी पानी प्रभाग ने आगे बढ़ाया और H2S-H2O विनिमय प्रक्रिया का अध्‍ययन करने के लिए एक पायलट संयंत्र का प्रचालन किया गया । जब ये अध्‍ययन चल रहे थे, उसी दौरान पंजाब में नांगल स्थित भारी पानी संयंत्र की स्‍थापना की गई और उसका कमीशनन अगस्‍त, 1962 में किया गया ।

2000 वर्ष तक देश की ऊर्जा की मांग का कम से कम 10% हिस्‍सा उपलब्‍ध कराने के लक्ष्‍य को सामने रखते हुए परमाणु ऊर्जा विभाग के 10,000 MWe परमाणु ऊर्जा का उत्‍पादन करने के लिए एक महत्‍वाकांक्षी कार्यक्रम आरंभ किया, जिसके अंतर्गत कई भारी पानी संयंत्रों की स्‍थापना करने की आवश्‍यकता महसूस हुई । इसी दौरान भारी पानी संयंत्रों की स्‍थापना एवं इससे जुड़े अन्‍य कार्य देखने के लिए एक अलग संगठन बनाने की प्रबल आवश्‍यकता महसूस हुई । तदनुसार, 1 मई 1969 को भारी पानी परियोजना के नाम से एक अलग संगठन की स्‍थापना की गई । इस एकक के प्रमुख थे विख्‍यात केमिकल इंजीनियर श्री एस. फरीदुद्दीन, जिन्‍हें नाभिकीय ईंधन चक्र के अग्र भाग में उत्‍कृष्‍ट योगदान के लिए 1967 में पद्मश्री से सम्‍मानित किया गया था । बाद में 17 फरवरी, 1989 को इस संगठन का नाम भारी पानी बोर्ड रख दिया गया । 1969 में भारी पानी अनुभाग, भापअकें के प्रमुख श्री पी.जी. देशपांडे और भापासं, नांगल के श्री के.एस. बिंभट के समूचे ग्रुप को भारी पानी परियोजना में स्‍थानांतरित कर दिया गया जो क्रमश: H2S-H2O और NH3-H2 प्रक्रिया के लिए कोर ग्रुप बने ।

बड़ौदा और तूतीकोरिन में अमोनिया-हाइड्रोजन विनिमय प्रक्रिया पर आधारित भारी पानी संयंत्रों की स्‍थापना की गई ।

देश में विकसित हाइड्रोजन सल्‍फाईड-जल विनिमय प्रक्रिया पर आधारित पहले संयंत्र की स्‍थापना कोटा, राजस्‍थान के निकट रावतभाटा में की गई ।

वर्तमान में, भारत में सात भारी पानी संयंत्र हैं ।

गुरूजल यात्रा के कर्णधार
क्र. संख्‍या नाम एवं पदनाम कार्यकाल

1.

श्री एस. फरीदुद्दीन
विशेष कार्याधिकारी एवं परियोजना निदेशक

मई, 1969 - जून, 1980

2.

श्री एन. श्रीनिवासन
परियोजना निदेशक, अध्‍यक्ष एवं मुख्‍य कार्यकारी

जुलाई, 1980 - अप्रैल, 1987

3.

श्री एस. एम. सुंदरम
अध्‍यक्ष एवं मुख्‍य कार्यकारी

मई, 1987 - मार्च, 1992

1.

श्री एस. शर्मा
अध्‍यक्ष एवं मुख्‍य कार्यकारी

अप्रैल, 1992 - सितम्बर, 1995

5.

श्री आर. के . भार्गव
अध्‍यक्ष एवं मुख्‍य कार्यकारी

अक्तूबर, 1995 - नवम्बर, 1996

6.

श्री एन.एन. खुराना
अध्‍यक्ष

दिसम्बर, 1996 - फरवरी, 1997

7.

श्री एस. पी. मुखर्जी
मुख्‍य कार्यकारी

दिसम्बर, 1996 - फरवरी, 1997

8.

श्री एस. पी. मुखर्जी
अध्‍यक्ष एवं मुख्‍य कार्यकारी

मार्च, 1997 - सितम्बर, 1998

9.

श्री एच. एस. कामत
अध्‍यक्ष एवं मुख्‍य कार्यकारी

सितम्बर, 1998 - जून, 2002

10.

श्री एस. सी . हिरेमठ
अध्‍यक्ष एवं मुख्‍य कार्यकारी

जुलाई, 2002 - जनवरी, 2007

11.

श्री ए.एल.एन. राव
अध्‍यक्ष एवं मुख्‍य कार्यकारी

फरवरी, 2007 - मार्च, 2011

12.

श्री रजनीश प्रकाश
अध्‍यक्ष एवं मुख्‍य कार्यकारी

अप्रैल, 2015-जुलाई , 2015

13.

श्री पी. आर. मोहन्ती
अध्यक्ष

अगस्त, 2015 - सितम्बर, 2015

14.

श्री एम भास्करन
मुख्य कार्यकारी

अगस्त, 2015 - नवम्बर, 2016

15.

श्री एम भास्करन
अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी

नवम्बर, 2015 -नवम्बर , 2016

16.

श्री ए. एन. वर्मा
अध्‍यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी

दिसंबर, 2016 - अगस्त, 2017

17.

डॉ यू. कामाची मुदली
अध्‍यक्ष एवं‍ मुख्य कार्यकारी

सितम्बर, 2017 - सितम्बर, 2020

18.

श्री एस.के. नायक
मुख्य कार्यकारी

अक्तूबर 2020 - जुलाई 2021

19 श्री वी .पी नीमा,
सचिव, पऊवि के तकनीकी सलाहकार एवं अध्‍यक्ष, भापाबो
अगस्त 2021 - नवम्बर 2021
20

श्री जितेन्द्र श्रीवास्तव
मुख्‍य कार्यकारी

अगस्त 2021 - जुलाई 2023
20

श्री एस. सत्यकुमार
अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी

अगस्त 2023 - वर्तमान में कार्यरत

Last updated on: 24-Aug-2023