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हजीरा में भारी पानी संयंत्र (जिसे हजीरा अमोनिया एक्सटेंशन प्लांट - HAEP के नाम से भी जाना जाता है), अमोनिया-हाइड्रोजन मोनो-थर्मल एक्सचेंज प्रक्रिया पर आधारित देश का दूसरा भारी पानी संयंत्र है, जिसे विदेशी सहयोग के बिना स्थापित किया गया है। यह संयंत्र उर्वरक संयंत्र-कृभको, हजीरा के साथ एकीकृत है और सूरत शहर से लगभग 16 किमी की दूरी पर स्थित है। संयंत्र को बिना किसी समय सीमा के जनवरी 1991 में चालू किया गया था।
इस संयंत्र में पारंपरिक वायवीय एनालॉग प्रणाली के बजाय उपकरण और प्रक्रिया नियंत्रण के लिए माइक्रो-प्रोसेसर आधारित वितरित डिजिटल नियंत्रण प्रणाली का उपयोग करके नवीनतम तकनीक को अपनाया जाता है। यह प्रणाली फ़ील्ड नियंत्रण स्टेशनों के लिए नियंत्रण, पर्यवेक्षी और निगरानी कार्य प्रदान करती है। यह प्लांट सिस्टम से प्राप्त डेटा को प्रदर्शित और रिकॉर्ड करता है और इसमें डेटा लॉगिंग और अलार्म संदेशों को प्रिंट करने की सुविधाएं हैं।
इस संयंत्र में दो स्ट्रीम शामिल हैं जिनमें संश्लेषण इकाई, उप-स्टेशन, अक्रिय गैस इकाई, उपकरण वायु इकाई, उत्प्रेरक तैयारी इकाई, कूलिंग टॉवर आदि जैसी कुछ सामान्य इकाइयाँ हैं।
परियोजना का समापन बिना किसी समय सीमा के सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है।
Last updated on: 07-May-2024