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भारी पानी (D2O) या ड्यूटेरियमऑक्साइड,ड्यूटेरियम के दो परमाणुओं और ऑक्सीजन के एक परमाणु से बना होता है। ड्यूटेरियमहाइड्रोजन का एक स्थिर समस्थानिक है जिसके नाभिक में एक अतिरिक्त न्यूट्रॉन की उपस्थिति के कारण हाइड्रोजन का द्रव्यमान दोगुना होता है। ड्यूटेरियमहाइड्रोजन और हाइड्रोजन युक्त यौगिकों जैसे पानी, हाइड्रोकार्बन आदि में मौजूद होता है और इसकी छोटी प्राकृतिक अपघटन (डी/डी+एच) लगभग 140 से 160 पीपीएम होती है। दाबित भारी पानी रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) में उपयोग किए जाने वाले>99.85 मास% आईपी के लिए इसे निष्कर्षित और सम्बर्धितकिया जाता है।
भारी पानी समान भौतिक और रासायनिक गुणों को प्रदर्शित करता है लेकिन सामान्य पानी की तुलना में यहपरमाणु गुणों में भिन्न होता है जो इसे दाबित भारी पानी रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) में मंदक (मॉडरेटर) और शीतलक (कूलैंट) के रूप में उपयोग किए जाने के लिए एक अत्यंत समर्थसामग्री बनाता है।
परमाणु रिएक्टर में विखंडन प्रतिक्रिया के दौरान उत्पन्न न्यूट्रॉन को धीमा करने के लिएमंदक ( मॉडरेटर) की आवश्यकता होती है ताकि श्रृंखला अभिक्रियाको बनाए रखा जा सके। भारी पानी अपने उच्च मॉडरेटिंग अनुपात और न्यूट्रॉन के लिए कम अवशोषण क्रॉससेक्शन के कारण एक उत्कृष्टमॉडरेटर है ।
विखंडन अभिक्रिया के कारण रिएक्टर के क्रोड में उत्पन्न ऊष्मा ऊर्जा को शीतलक द्वारा दूर ले जाने की आवश्यकता होती है। माध्यमिक शीतलक, हल्के पानी के लिए विखंडन प्रतिक्रिया से उत्पन्न उष्माके परिवहन के लिए भारी पानी का उपयोग प्राथमिक शीतलक के रूप में किया जाता है। हल्का पानी भारी पानी से ऊष्मा ऊर्जा लेता है और भाप टरबाइन चलाने के लिए उपयुक्त दबाव पर भाप उत्पन्न करता है। बिजली काउत्पादन करने के लिएभाप टरबाइन ( स्टीमटर्बाइन)सेजनरेटरचलाए जाते हैं।
नहीं, भारी पानी रेडियोसक्रियनहीं है। यह ड्यूटेरियम (D2O) का ऑक्साइड है जो हाइड्रोजन का स्थिर समस्थानिक है।
भारी पानी में कुछ ड्यूटेरियम परमाणु रिएक्टर में न्यूट्रॉन को अवशोषित करके ट्रिटियम में परिवर्तित हो जाते हैं। ट्रिटियमहाइड्रोजन का एक रेडियोधर्मीसमस्थानिक है जिसके नाभिक में दो न्यूट्रॉन होते हैं। इसके अलावा, कुछ आयनिक अपद्रव्य जो भारी पानी द्वारा मॉडरेटर या शीतलक के रूप में ले जाया जाता है , वे भी किरणन के दौरान सक्रिय हो जाता है। इसलिए परमाणु रिएक्टरों में इस्तेमाल होने वाले भारी पानी में रेडियोसक्रियता देखी जाती है।
भारी पानी कीअल्प मात्रा मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है। वास्तव में, मानव शरीर में प्राकृतिक प्रचुरता के रूप में कुछ ग्राम भारी पानीहोता है। नैदानिक अध्ययन और उपचार में बिना किसी प्रतिकूल प्रभाव के शिशुओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं और वयस्कों में भारी पानी की थोड़ी मात्रा का उपयोग किया गया है। भारी पानी के विषाक्त प्रभाव तभी प्रकट होने लगते हैं जब शरीर के तरल पदार्थों में ड्यूटेरियम की मात्रा 20% से अधिक हो जाती है, जो कि सबसे असंभावित घटना है।
प्राकृतिक बहुतायत (<125 पीपीएम) से कम ड्यूटेरियम युक्त पानी को ड्यूटेरियमअवक्षयित पानी (ड्यूटेरियमडिप्लेटेडवाटर)कहा जाता है। यह कैंसर के लिए सहायक चिकित्सा के रूप में लोकप्रिय हो रहा है।
भारी पानी में हल्के पानी के लिए अधिक आत्मीयता होती है और अगर यह किसी भी रूप में हल्के पानी के संपर्क में आता है तो यह अपने आईपी में निम्नीकृतहो सकता है। यह हवा में मौजूद हल्के पानी को नमी के रूप में आसानीअवशोषित कर सकता है।
भारी पानी का कोई निश्चित जीवनकाल नहीं है।
Last updated on: 15-Jul-2022